खरसिया।रायगढ़ जिले के खरसिया तहसील स्थित बरगढ़ खोला वनांचल क्षेत्र के ग्राम जोबी के आदिवासियों और निवासियों ने वेदांता कंपनी द्वारा प्रस्तावित कोल खनन और पूर्वेक्षण कार्य के खिलाफ विरोध तेज कर दिया है। इन ग्रामीणों का कहना है कि उनकी पुश्तैनी जमीन को “बर्रा कोल ब्लॉक” के तहत खनन के लिए आवंटित कर दिया गया है, जिसका वे अपनी ग्राम सभा के माध्यम से लगातार शांतिपूर्ण विरोध कर रहे हैं।
ग्रामवासियों ने प्रशासन द्वारा 9 ग्रामीणों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 126 और 135(3) के तहत जारी समंस को “झूठा” करार दिया है। उनका आरोप है कि स्थानीय प्रशासन आदिवासियों को शांतिपूर्ण विरोध से रोकने के लिए उन पर झूठे मुकदमे थोप रहा है। ग्रामीणों ने कहा है कि वे किसी भी स्थिति में अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे और वेदांता कंपनी के खिलाफ विरोध जारी रहेगा।
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आदिवासियों ने इस मामले में संवैधानिक अधिकारों का हवाला देते हुए बताया कि पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 और वन अधिकार अधिनियम, 2006 के तहत उन्हें जल, जंगल और जमीन पर निर्णय लेने का अधिकार है।
ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन की निंदा करते हुए मांग की है कि धारा 126 और 135(3) के तहत जारी समंस को तत्काल निरस्त किया जाए, अन्यथा वे बड़े पैमाने पर जेल भरो आंदोलन चलाने के लिए बाध्य होंगे।
वेदांता कंपनी के कोल खनन का विरोध: आदिवासियों को पूर्व मंत्री व खरसिया विद्यायक उमेश पटेल का समर्थन
बरगढ़ खोला के आदिवासियों ने वेदांता कंपनी के कोल खनन का विरोध करते हुए जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी है। ग्रामीणों को पूर्व मंत्री और खरसिया विधायक उमेश पटेल का समर्थन मिला है, जिससे विरोध को और बल मिला है।