20 साल से लंबित मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ भर में दो दिवसीय हड़ताल शुरू
रायगड़ :- छत्तीसगढ़ के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 16,000 से अधिक संविदा कर्मचारियों ने अपनी नियमितीकरण सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आज प्रदेशव्यापी आंदोलन की शुरुआत की। रायगढ़ सहित प्रदेश के सभी 33 जिलों में एनएचएम कर्मियों ने ताली-थाली बजाकर प्रदर्शन किया और कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
रायगढ़ में यह विरोध शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी मिनी स्टेडियम से निकली रैली के साथ शुरू हुआ, जहां जिले के समस्त एनएचएम कर्मचारी एकजुट होकर सड़कों पर उतरे। ताली और थाली की आवाज़ों के बीच कर्मचारियों ने अपनी पीड़ा बयां की और शासन से जल्द समाधान की मांग की।
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सेवाएं प्रभावित, ग्रामीण क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित
हड़ताल के कारण जिले के कई उप स्वास्थ्य केंद्र बंद रहे। बीपी, शुगर जैसी नियमित स्वास्थ्य जांच सेवाएं रुकीं और साप्ताहिक हेल्थ मेलों का आयोजन नहीं हो सका। साथ ही टीकाकरण अभियान भी बाधित हुआ है।
आज विधानसभा घेराव, सरकार को दी अंतिम चेतावनी
आज रायपुर में विधानसभा घेराव के साथ एनएचएम कर्मियों ने सरकार को अंतिम चेतावनी दी है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी ने कहा, “यदि 15 दिन में ठोस निर्णय नहीं हुआ, तो आंदोलन अनिश्चितकालीन किया जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।”
जिला अध्यक्ष शकुंतला एक्का ने बताया कि, “प्रदेश के सभी जिलों से कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपा जा चुका है, लेकिन यदि माँगें पूरी नहीं हुईं, तो हम मजबूर होकर उग्र आंदोलन करेंगे।”
प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं:
1️⃣ नियमितीकरण / संविलयन
2️⃣ ग्रेड-पे निर्धारण
3️⃣ पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
4️⃣ मेडिकल अवकाश की सुविधा
5️⃣ 27% वेतन वृद्धि
…सहित कुल 10 सूत्रीय मांगें, जो बीते 20 वर्षों से लंबित हैं।
“कोरोना योद्धाओं” का दर्द
कोरोना महामारी के दौरान जिन एनएचएम कर्मियों के लिए देशभर में ताली-थाली बजी थी, वे आज खुद अपनी पीड़ा सुनाने के लिए वही ताली-थाली बजाने को मजबूर हैं। कर्मचारियों का कहना है कि “प्रधानमंत्री ने हमें ‘कोरोना योद्धा’ कहा था, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने हमें अब तक स्थायी नहीं किया।”
सरकार के रवैये से नाराज एनएचएम कर्मचारी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज़ होने की संभावना जताई जा रही है।