खरसिया। जहां चाह, वहां राह! कहते हैं, अगर कोई चीज लगन और मेहनत से किया जाए, तो निश्चित ही उसमें सफलता मिलती है! शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षा एक ऐसा प्राणी होता है, जो अपने ज्ञान, धैर्य, डांट प्यार और देखभाल से उसके पूरे जीवन को एक मजबूत आकार देता है!
छत्तीसगढ़ राज्य के रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकासखंड के प्राथमिक शाला चारमार में पदस्थ शिक्षक टिकेश्वर पटेल जो अपने अध्यापन कार्य बहुत अच्छे तरीके से करवाने के अलावा अन्य सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय भूमिका होने के साथ गांव एवं क्षेत्र के गरीब होनहार बच्चों को शाला समय के अतिरिक्त प्राथमिक/माध्यमिक स्तर के बच्चों की नीव को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते।
इस प्रकार उन्होंने महज 20 से 25 दिन के बीच विभिन्न मैथ्स ट्रिक एवं रिजनिंग की तैयारी करा कर खरसिया विकासखंड के दर्रामुड़ा निवासी राधेश्याम पटेल के पौत्र शांति लाल पटेल के पुत्र पुष्कर पटेल बचपन से मेधावी छात्र होते हुए भी संगीत के क्षेत्र में भी एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जो आज “प्रयास आवासीय विद्यालय रायपुर” जैसे प्रतियोगी परीक्षा में चयन होकर गांव, समाज एवं क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
जिसके चयन होने पर ग्राम दर्रामुड़ा के सरपंच प्रतिनिधि मुरलीधर राठिया, मुकेश पटेल, लवकुश पटेल, परदेशी पटेल, हिंदू पटेल, गिरीश राठिया, पंकज पटेल, कृष्णचंद पटेल, सोनू पटेल, देवानंद पटेल, सुरज निषाद, पीलादास वैष्णव, टेकलाल पटेल, रेशम पटेल, पीताम्बर पटेल, छोटेलाल पटेल, डिगम्बर पटेल एवं गांव के अन्य सभी लोगों ने पुष्कर पटेल को आशीर्वाद देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
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ज्ञात हो की राजीव गांधी भविष्य बाल सुरक्षा योजना इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश में अधिसूचित क्षेत्र आदिवासी उपयोजना क्षेत्र और प्रभावित क्षेत्र में स्थित शालाओं में अध्यनरत प्रतिभावान छात्रों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक वैज्ञानिक शिक्षा साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की रेजिडेंट परीक्षाओं में सफल होने वाले छात्र-छात्राएं तैयारी प्रशिक्षण किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों से हटकर और राज्य द्वारा प्रायोजित “प्रयास” पहल के तहत तैयार की गई “फाउंडेशन प्रयास” छत्तीसगढ़ के दूर दराज के माओवादी प्रभावित गांव और राज्य की सबसे हिंसक क्षेत्र के बच्चों के लिए “मुख्यमंत्री मॉडल बाल सुरक्षा योजना” के विस्तार के रूप में राज्य सरकार द्वारा जुलाई 2010 में “प्रयास आवासीय विद्यालय” शुरू किए गए थे जिसमें सफल छात्राएं आज धैर्य और दृढ़ता के उदाहरण है ! लेकिन प्रयास से उन्हें चुना जाने से पहले जो साधारण जीवन से दूर था। प्रयास संस्थान में छात्र-छात्राओं को चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से लिया जाता है।