रिपोर्टर तुषार भारती सूरजपुर
सूरजपुर/प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए बच्चों को बेहतर शिक्षा देना, लेकिन सूरजपुर जिले में देश के भविष्यों के साथ शिक्षा के नाम पर मज़ाक किया जा रहा है. जर्जर भवन,दरारों से भरी दीवारें, क्लास रूम में टपकता पानी, पानी भरे गड्ढे से गुजर कर क्लास रूम में घुसते छोटे-छोटे बच्चे, टूटी फूटी बिना छत की शौचालय देखने में भवन भले ही कोई खंडहर लग रहा हो, लेकिन ये शिक्षा के मंदिर का नजारा है.
सूरजपुर जिले की कुरुवा पंचायत में प्राथमिक स्कूल की हालत देख आप दंग रह जाएंगे. ऐसे भवन में बच्चों की पढ़ाई कैसे होती होगी अंदाजा लगा पाना मुश्किल नहीं है. के छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कई कार्यक्रम चला रही है. कार्यक्रमों पर करोड़ो रुपए खर्च भी हो रहे हैं, लेकिन काम क्या हो रहा है. ये ना इन मासूम बच्चों को पता है और ना ही ग्रामीणों को।
क्लास रूम में टपकता पानी
स्कूल के जर्जर भवन में प्राथमिक शाला के बच्चे बैठने को मजबूर हैं। शाला में अध्यापन के लिए दो कमरे है बारिश के समय में चारों तरफ से पानी भवन के अंदर गिरने लगता है और यदि पानी गिर गया तो बच्चों की स्कूल से छुट्टी कर देते हैं। प्राथमिक शाला में दर्ज 65 बच्चों को बुनियादी सुविधा तो दूर बैठने के लिए सुरक्षित भवन भी नही है।
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अधिकारियो को लिखे पत्र कार्यवाही का इंतजार
प्राथमिक शाला के प्रधान अध्यापक निर्मल भट्टाचार्य ने बताया कि वर्तमान समय में विद्यालय में कुल 65 छात्र-छात्रायें दर्ज है, विद्यालय भवन जर्जर है साथ ही छत से पानी टपकता है विद्यालय के जर्जर भवन और छत से पानी गिरने के संबध मेंं वरिष्ठ अधिकारियो को अवगत कराया जा चुका है जिस पर कार्यवाही का आश्वासन मिला है।
क्या कहते हैं अधिकारी
हाउसिंग बोर्ड को एजेंसी बनाया गया है और मरम्मत का पैसा दिया गया है हाउसिंग बोर्ड के sdo को आज ही बोला हूं कि कुरूवा जाकर देखिए। गांव के सरपंच के द्वारा सूचना दी गई थी sdo या इंजीनियर जाएंगे।
ललित पटेल जिला शिक्षा अधिकारी जिला सूरजपुर