प्रत्येक शासकीय, अर्ध्दशासकीय, अशासकीय कार्यालय, संगठन, संस्था में 10 से अधिक अधिकारी /कर्मचारी होने पर आंतरिक शिकायत समिति गठन करना अनिवार्य
रायगढ़, 3 मई 2025/ महिलाओं का कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के क्रियान्वयन के संबंध में जिला प्रशासन सजग है। ऐसे सभी विभाग, संगठन, उपक्रम, प्रतिष्ठान, उद्यम, संस्थान, कार्यालय, शाखा अथवा इकाई जो प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से सरकार/स्थानीय प्राधिकरण/सरकारी कम्पनी/निगम/सहकारी सोसाइटी द्वारा प्रदत्त निधियों द्वारा स्थापित, स्वामित्वाधीन, नियंत्रणाधीन अथवा वित्त पोषित हो। निजी क्षेत्र का संगठन, उपक्रम, उद्यम संस्थान, प्रतिष्ठान, सोसाईटी, न्यास, गैर-शासकीय संगठन, इकाई अथवा सेवा प्रदाता जो वाणिज्यिक, व्यावसायिक, शैक्षिक, मनोजरंजन, औद्योगिक, स्वास्थ्य सेवाएं अथवा वित्तीय क्रियाकलाप कर रहा हो जिसमें उत्पादन, आपूर्ति, विक्रय, वितरण, अस्पताल अथवा नर्सिंग होम, खेलकूद का संस्थान, स्टेडियम, खेल परिसर, प्रतियोगिता अथवा खेल का स्थान आदि निजी क्षेत्र जहां 10 से अधिक कर्मचारी कार्यरत है वहां अधिनियम के धारा 04 के अनुसार आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना अनिवार्य है । समिति का गठन नही होने पर 50 हजार रूपये का जुर्माना भी किया जा सकता है।
समिति में महिला जो कार्यस्थल के कर्मचारियों में से वरिष्ठ स्तर के हो पीठासीन अधिकारी होगी । कर्मचारियों में से महिलाओं के लिए प्रतिबध्द अथवा सामाजिक कार्य में अनुभव रहने वाली 02 सदस्य व गैर शासकीय संगठन/संघ से 01 सदस्य होगें । आधे से अधिक महिलाएं सदस्य हो सकती है । समिति का कार्यकाल 03 वर्ष का होगा । समिति गठन पश्चात कार्यालय/संस्थान में उनका नाम भी कार्यालय के बोर्ड/फ्लेक्स में प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा ।
उल्लेखनीय है कि महिलाओं का कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीडन (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के तहत महिला एवं बाल विकास विभाग को नोडल अधिकारी बनाया गया है तथा जिला कलेक्टर द्वारा सभी शासकीय/अर्ध्दशासकीय/अशासकीय कार्यालय, संगठन, संस्था, प्रतिष्ठान इत्यादि से जहां 10 से अधिकारी कर्मचारी कार्यरत है, आंतरिक शिकायत समिति गठित करने का निर्देश दिये गये है ।