अधिकारियों की उदासीनता से खरसिया क्षेत्र की समस्याएं गहरी हो रही हैं
खरसिया।खरसिया क्षेत्र में लंबे समय से प्रस्तावित रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो पाया है, जिसके कारण क्षेत्रीय जनता को लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस ओवरब्रिज के निर्माण के बाद स्थानीय लोगों को यात्रा में सुविधा मिलने की उम्मीद थी, लेकिन राज्य सरकार और प्रशासन की उदासीनता के कारण यह परियोजना अभी तक अधर में लटकी हुई है।
विधायक उमेश पटेल की सक्रियता और जनता का समर्थन
खरसिया के लोकप्रिय विधायक उमेश पटेल ने इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए कई बार राज्य सरकार और रेलवे प्रशासन से मांग की है। उन्होंने ओवरब्रिज को क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक बताया और इसके निर्माण के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। विधायक का कहना है कि खरसिया और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ती जनसंख्या और यातायात दबाव को देखते हुए इस ओवरब्रिज की आवश्यकता और भी बढ़ गई है। हालांकि, बावजूद इसके सरकार और प्रशासन की अनदेखी के कारण यह समस्या अब गंभीर होती जा रही है।
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विधायक उमेश पटेल को खरसिया की जनता का मजबूत समर्थन मिल रहा है। लोगों का मानना है कि यह परियोजना खरसिया के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और उमेश पटेल के नेतृत्व में वे इसे जल्द पूरा करने की उम्मीद रखते हैं। उमेश पटेल का कहना है कि ओवरब्रिज के निर्माण के बाद न केवल यातायात की समस्याएं हल होंगी, बल्कि खरसिया क्षेत्र का समग्र विकास भी संभव होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे पर लगातार संघर्ष करेंगे और जनता की आवाज़ को मजबूती से उठाते रहेंगे।
राज्य सरकार और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाती जनता
खरसिया की जनता का मानना है कि ओवरब्रिज निर्माण में देरी का मुख्य कारण छत्तीसगढ़ सरकार और प्रशासन की लापरवाही है। कई महीनों से आवश्यक मंजूरी और फंड जारी नहीं हो पा रहे हैं, जिसके कारण इस परियोजना में कोई प्रगति नहीं हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर सरकार समय पर कदम उठाती, तो आज यह ओवरब्रिज पहले ही बन चुका होता।
इस परियोजना को लेकर क्षेत्रीय जनता के मन में गहरी निराशा है। वे मानते हैं कि सरकार और संबंधित विभागों की निष्क्रियता के कारण खरसिया का विकास रुक सा गया है। यह केवल खरसिया की जनता के लिए नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। जनता का यह भी कहना है कि ओवरब्रिज के निर्माण में देरी से न केवल यातायात समस्याएं बढ़ रही हैं, बल्कि लोगों की समय और ऊर्जा की भी हानि हो रही है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा धरना प्रदर्शन और आंदोलन की शुरुआत
10 दिसंबर को कांग्रेस पार्टी ने खरसिया के मदनपुर तहसील कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन करने का निर्णय लिया है। इस धरने में क्षेत्रीय लोग और कांग्रस कार्यकर्ता भाग लेंगे और राज्य सरकार के खिलाफ अपने आक्रोश का प्रदर्शन करेंगे। धरने का मुख्य उद्देश्य प्रशासन और सरकार की लापरवाही के खिलाफ जन जागरूकता फैलाना और ओवरब्रिज निर्माण को लेकर सरकार से जल्द कार्रवाई की मांग करना है। इस धरने के दौरान कांग्रस कार्यकर्ता और क्षेत्रीय नागरिक सरकार को यह संदेश देना चाहते हैं कि अगर समय रहते इस परियोजना को पूरा नहीं किया गया, तो वे अपनी संघर्ष जारी रखेंगे।
जनता की उम्मीदें और भविष्य में कदम उठाने की आवश्यकता
खरसिया की जनता उमेश पटेल के नेतृत्व में इस आंदोलन को सफल बनाने की पूरी उम्मीद रखती है। उनका मानना है कि इस आंदोलन के जरिए वे सरकार और प्रशासन को झकझोरने में सफल होंगे और ओवरब्रिज के निर्माण की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। क्षेत्रीय जनता का कहना है कि अगर सरकार समय पर कदम उठाती, तो आज यह ओवरब्रिज पहले ही मूर्त रूप ले चुका होता। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस पार्टी और खरसिया की जनता के इस आंदोलन के बाद छत्तीसगढ़ सरकार और प्रशासन कितनी जल्दी अपनी लापरवाही को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाते हैं।
खरसिया में प्रस्तावित रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। यह परियोजना न केवल खरसिया की जनता के लिए, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अगर समय रहते इस परियोजना को पूरा किया जाता है, तो न सिर्फ यातायात की समस्याएं हल होंगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास की गति भी तेज होगी।