रायगढ़, लैलूंगा | जल संकट से निपटने और जल संरक्षण के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से लैलूंगा जनपद पंचायत में राज्य सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना ‘मोर गांव मोर पानी’ महाअभियान के अंतर्गत चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण 2 जून से 5 जून 2025 तक चार क्लस्टरों में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत 2 जून को ग्राम पंचायत राजपुर से की गई, जिसके बाद 3 जून को झगरपुर, 4 जून को मुकडेगा और समापन 5 जून को ग्राम पंचायत नारायणपुर में हुआ। समापन कार्यक्रम में सरपंच, ग्राम सचिव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही, जिन्हें वर्षा जल संरक्षण के विभिन्न तरीकों से अवगत कराया गया।
वर्षा जल संचयन पर विशेष ध्यान
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को वर्षा जल संचयन, मेड़बंदी, डबरी निर्माण, रिचार्ज पिट और रूफ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जैसी तकनीकों की जानकारी दी गई। इसके साथ ही पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन पर भी चर्चा की गई।
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समूह और पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
इस कार्यक्रम में जनपद की 75 ग्राम पंचायतों से सरपंच, ग्राम सचिव, रोजगार सहायक, आवास मित्र, बिहान स्व-सहायता समूह की दीदियां और ग्राम संगठन के सदस्य शामिल हुए। इन सभी को जल संरक्षण से जुड़े व्यावहारिक और तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी गई, ताकि वे अपने-अपने गांव में इस अभियान को सफल बना सकें।
जल संरक्षण: सामूहिक प्रयास की आवश्यकता
प्रशिक्षकों ने बताया कि जल संकट से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास अत्यंत आवश्यक हैं। यदि हर गांववासी इस अभियान से जुड़ता है, तो न केवल जल संरक्षण संभव होगा, बल्कि भूजल स्तर में भी सकारात्मक सुधार आएगा।
स्थायी विकास की दिशा में सार्थक पहल
‘मोर गांव मोर पानी’ महाअभियान के अंतर्गत यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ग्राम स्तर पर जल-साक्षरता को बढ़ावा देने और सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में एक अहम कदम है। प्रशिक्षण के बाद प्रतिनिधियों से उम्मीद की जा रही है कि वे अपने गांवों में जल प्रबंधन से जुड़ी गतिविधियों का संचालन करेंगे और समुदाय को भी जागरूक करेंगे।
कार्यक्रम में जनपद पंचायत के तकनीकी सहायक सुरेंद्रपाल कंवर, विजय सिदार, नटवरलाल खूंटे सहित पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीणजन मौजूद रहे।