रायगढ़ :- छत्तीसगढ़।रायगढ़ जिले के तमनार क्षेत्र में जिंदल कंपनी की प्रस्तावित परियोजना को लेकर एक बार फिर जनसुनवाई विवादों में है। हैरानी की बात यह है कि केंद्र में भाजपा की सरकार है, राज्य में भाजपा की सरकार है, सांसद भाजपा से हैं, पर्यावरण मंत्री भाजपा से हैं, जिला पंचायत रायगढ़ में भाजपा का वर्चस्व है और जनपद पंचायत तमनार में भी भाजपा की ही पकड़ मजबूत है। इसके बावजूद जिंदल कंपनी की जनसुनवाई निरस्त नहीं की गई।
जनता में आक्रोश, उठ रहे तीखे सवाल
स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ताओं में नाराज़गी है। उनका कहना है कि जब हर स्तर पर भाजपा की सरकार है, तब भी जनता की आवाज़ को अनसुना क्यों किया जा रहा है? क्या जिंदल कंपनी का दबदबा इतना ज़्यादा है कि सरकारें भी उसके आगे झुक जाती हैं?
ग्रामवासी बताते हैं कि जनसुनवाई की प्रक्रिया में न तो लोगों की राय सही ढंग से ली गई और न ही पर्यावरणीय प्रभावों पर पारदर्शिता रखी गई। इसके बावजूद अधिकारियों ने जनसुनवाई रद्द करने की मांग को दरकिनार कर दिया।
‘जनता जाए तो जाए कहां’ – ग्रामीणों का दर्द
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने प्रशासन, पंचायत और जिला स्तर पर कई बार शिकायतें दर्ज करवाईं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
एक स्थानीय किसान ने कहा —
> “हमने सोचा भाजपा की सरकार आएगी तो हमारी बात सुनी जाएगी, लेकिन अब तो लगता है कि कंपनी की सुनवाई होती है, जनता की नहीं।”
राजनीतिक चुप्पी पर भी उठे सवाल
स्थानीय राजनीतिक नेताओं की चुप्पी भी चर्चा का विषय है। भाजपा के जिला पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि इस पूरे मामले पर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। इससे जनता के बीच यह धारणा बन रही है कि शायद सरकार और कंपनी के बीच किसी तरह की समझ है, जिसके कारण जनहित के मुद्दे को दरकिनार किया जा रहा है।
जिंदल समूह की यह परियोजना तमनार क्षेत्र में कई गांवों को प्रभावित कर सकती है। ग्रामीणों को भूमि अधिग्रहण, प्रदूषण और विस्थापन की चिंता सताती है। बीते कुछ वर्षों में इस परियोजना को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है।

