खरसिया : स्वतंत्रता दिवस की 76 वीं वर्षगांठ के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा साहित्यकारों को साहित्य अकादमी सम्मान प्रदान किए जाने की घोषणा से साहित्यकारों में हर्ष है।
युवा लेखक, साहित्यकार व सामाजिक चिंतक राकेश नारायण बंजारे ने यशस्वी मुख्यमंत्री जी का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि माननीय मुख्यमत्री जी द्वारा स्वतंत्रता की 76 वीं वर्षगांठ के अवसर पर साहित्यकारों के सम्मान के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं। साहित्य समाज का आईना होता है। एक साहित्यकार अपनी रचनात्मक कौशल व कृति से समाज को आईना दिखाने के साथ-साथ इस हेतु भी सतत प्रयासरत रहता है कि यह आईना कैसे साफ-सुथरा व चमकदार बना रहे। एक साहित्यकार सारी जिंदगी साहित्य साधना में लीन रह कर अपना समय, श्रम, तन, मन, जीवन समाज को समर्पित करता है। वह बगैर किसी सम्मान या पारितोषिक की अपेक्षा में अपना कर्तव्य निभाता है लेकिन यह समाज व शासन का नैतिक दायित्व है कि वह साहित्यकारों की सुध लेती रहे। एक साहित्यकार का सम्मान समाज में सकारात्मकता, रचनात्मकता और प्रगतिशीलता का सम्मान होता है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के साहित्यिक वातावरण को और भी सुदृढ़ करने के लिये साहित्यकारों को तीन श्रेणियों में ‘छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान’ दिये जाने की घोषणा की है जिसमें छत्तीसगढ़ी सहित हिन्दी, गोंडी, हल्बी, सरगुजिया, कुरुख भी शामिल हैं। अब छत्तीसगढ़ी के साथ-साथ हिन्दी भाषा और क्षेत्रीय बोलियों के भी नव लेखक, कवि प्रोत्साहित होंगे। तीन श्रेणियों में ‘छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान’ में पहली श्रेणी छत्तीसगढ़ी एवं अन्य बोली जैसे गोंडी, हल्बी, सरगुजिया, कुरुख आदि में लिखे गये साहित्य के लिये। दूसरी श्रेणी में हिंदी में लिखे गये पद्य के लिये व तीसरी श्रेणी में हिंदी में लिखे गये गद्य के लिये प्रदान किया जाएगा। हर श्रेणी में सम्मानित साहित्यकारों को 5 लाख रूपए नगद एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे।
प्रदेश में अब हिन्दी छत्तीसगढ़ी सहित अन्य बोलियों में लिखे गए गद्य व पद्य दोनों विधाओं के साहित्यकारों का आने वाले दिनों में सम्मान होगा, जो साहित्यकारों के लिए प्रसन्नता की बात है।
इसके पूर्व मार्च 2023 में संत कवि पवन दीवान के श्रद्धांजलि एवं सम्मान समारोह में कविता लेखन के क्षेत्र में राज्य अलंकरण पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए विशिष्ट साहित्यकार को पं. सुंदरलाल शर्मा सम्मान प्रदान किया जाता है जिसके अंतर्गत दो लाख रूपए व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर भी साहित्यकारों का सम्मान किया जाता है।
छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान राज्य स्तरीय सम्मान है जिसमें चुनिंदा उत्कृष्ट लेखकों कवियों का सम्मान होगा जिसमें पॉंच लाख रूपए राशि व प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएँगे जो गौरव की बात है। अधिक से अधिक साहित्यकारों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मान का विकेन्द्रीकरण किया जाना चाहिए। छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान जिला व तहसील स्तर पर भी प्रदान करने की योजना बननी चाहिए ताकि दूर दराज गॉंवों, मोहल्लों, कस्बों में अपेक्षाकृत कम चर्चित साहित्यकारों को भी जिला व तहसील स्तरीय राशि व सम्मान प्राप्त हो सके जो वर्षों साहित्य साधना में लीन हैं।
छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान प्रदान किए जाने की घोषणा से बढ़ा साहित्यकारों का मान
