खरसिया : महान कथाकार मुंशी प्रेमचंद जी की जयंती पर खरसिया में एक शाम वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
अजीम प्रेमजी फाऊंडेशन एवं काव्य कलश कला एवं साहित्य मंच खरसिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
टीएलसी केन्द्र खरसिया में प्रोजेक्टर के माध्यम से चल रहे कार्यक्रम में ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से वक्ता जुड़े रहे। आयोजित कार्यक्रम में महान कथाकार उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी के सामाजिक व साहित्यिक जगत में अतुलनीय योगदानों का स्मरण किया गया। सभी वक्ताओं ने मुंशी प्रेमचंद के साहित्य में मानवीय संवेदना, तत्कालीन परिस्थिति, ग्रामीण जनजीवन के सजीव चित्रण व सामाजिक विषंगति, रूढ़िवाद, शोषण के विरूद्ध विद्रोह स्वरूप चले उनकी लेखनी को रेखांकित करने का प्रयास किया। प्रमुख वक्ताओं में वरिष्ठ साहित्यकार मनमोहन सिंह ठाकुर (संरक्षक), प्रधान पाठक पुरूषोत्तम गुप्ता (संस्थापक), कवयित्री प्रियंका गुप्ता ‘प्रिया’ (अध्यक्ष), सामाजिक चिंतक लेखक राकेश नारायण बंजारे (उपाध्यक्ष), अनामिका संजय अग्रवाल (अध्यक्ष, महिला प्रकोष्ठ), लखन लाल राठौर ‘कौशल’ (गोष्ठी प्रभारी) काव्य कलश मंच पदाधिकारी, अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन से ऐलिश, तन्मय चतुर्वेदी, किशन कुमार रात्रे एवं प्रधान पाठक श्री रमाकांत पांडेय चर्चा में शामिल रहें। साथ ही रायगढ़ से वरिष्ठ साहित्यकार श्याम नारायण श्रीवास्तव ऑनलाइन उपस्थित रहकर अपने व्याख्यान दिए।
मुंशी प्रेमचंद युग की तात्कालिन परिस्थितियों और वर्तमान विषय पर भी वक्ताओं के बीच काफी रोचक विमर्श हुए। पंच परमेश्वर, ठाकुर का कुआँ, कफ़न, ईदगाह, बुढ़ी काकी चर्चा के केन्द्र रहे। मुंशी प्रेमचंद के साहित्यिक अवदानों पर आधारित एक शाम वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन पूर्णत: सार्थक व सफल रहा।
कार्यक्रम का सफल संचालन पुरूषोत्तम गुप्ता द्वारा एवं आभार प्रदर्शन शिक्षक अधिगम केन्द्र अजीम प्रेमजी फाऊंडेशन से तन्मय चतुर्वेदी द्वारा किया गया।