सक्ती :- हसौद थाना क्षेत्र में अवैध शराब बिक्री का मामला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। क्षेत्र के कई ढाबों पर नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए खुलेआम शराब परोसी जा रही है। स्थानीय लोगों की शिकायतें बढ़ने के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से नाराजगी चरम पर है।
ढाबों में मनमानी, ऊंचे दामों पर बिक्री
सूत्रों के अनुसार, ढाबा संचालक सरकारी शराब दुकानों से बड़ी मात्रा में देसी-अंग्रेजी शराब और बीयर खरीदकर अपने यहां आने वाले ग्राहकों को मनमाने दामों में परोस रहे हैं। शाम ढलते ही इन ढाबों में भीड़ बढ़ जाती है और देर रात तक शराबखोरी का माहौल बना रहता है। स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि यह पूरा काम एक संगठित तंत्र के तहत चल रहा है, जिसका उद्देश्य अवैध रूप से अधिक से अधिक मुनाफा कमाना है।
पुलिस की जानकारी के बावजूद कार्रवाई नदारद
सबसे अहम सवाल यह है कि पुलिस के संज्ञान में होने के बावजूद अब तक कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि कई बार शिकायतें करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि कुछ ढाबा संचालकों और पुलिस कर्मचारियों के बीच सांठगांठ होने की आशंका से कार्रवाई रुकती नजर आ रही है।
परिवारों में बढ़ी चिंता, अव्यवस्था फैलने लगी
इन ढाबों पर शराब सेवन के चलते सड़क किनारे हुड़दंग और दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ गई है। देर रात तक होने वाले शोर-शराबे से आसपास रहने वाले परिवारों को परेशानी झेलनी पड़ती है। अभिभावक चिंतित हैं कि इस माहौल का नकारात्मक प्रभाव युवाओं पर पड़ रहा है।
आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर संचालित
हसौद क्षेत्र में ग्राम हसौद, ग्राम कैथा, ग्राम धमनी (मेन रोड) और ग्राम अमलीडीह सहित आधा दर्जन से अधिक स्थानों पर ऐसे ढाबों के संचालित होने की जानकारी मिली है, जहां अवैध रूप से शराब की बिक्री की जा रही है।
कब होगी कड़ी कार्रवाई?
जनता का धैर्य अब जवाब देने लगा है। लोगों का कहना है कि यदि शीघ्र ही प्रशासन द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे। अब सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि पुलिस और प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।
अवैध शराब के खिलाफ कानून तो है, पर कार्रवाई कब? यह बड़ा सवाल है।

