रायगढ़ (छत्तीसगढ़), 14अप्रैल 2025 – रायगढ़ जिले की तहसील धरमजयगढ़ अंतर्गत ग्राम पंचायत रायमेर में शासकीय भूमि पर फर्जी पट्टे तैयार कर बाहरी व्यक्तियों के नाम पर रजिस्ट्री किए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। इस संबंध में ग्राम रायमेर के समस्त ग्रामवासियों ने अनुविभागीय अधिकारी (रा.) धरमजयगढ़ को एक लिखित आवेदन सौंपते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों ने आवेदन में आरोप लगाया है कि ग्राम रायमेर की शासकीय भूमि पर कुछ दलालों एवं हल्का पटवारी की मिलीभगत से फर्जी पट्टे बनाकर बाहरी व्यक्तियों के नाम पर रजिस्ट्री कर दी गई है।
ग्रामीणों का कहना है कि उक्त खसरा नंबरों की भूमि पूर्व पंचायत रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ये सभी पट्टे फर्जी हैं। ग्रामीणों ने इसे एक सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि यह केवल जमीन हड़पने की नहीं, बल्कि सरकारी व्यवस्था और ग्रामीण अधिकारों पर सीधा हमला है।
*क्या कह रहे हैं ग्रामीण:*
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गांव के लोगों का कहना है कि यह मामला न केवल भूमि हड़पने से जुड़ा है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा दलाल गिरोह भी सक्रिय है, जो सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसे फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहा है। ग्रामवासियों ने यह भी मांग की है कि हल्का पटवारी की भूमिका की गहन जांच कराई जाए और दोषियों को तुरंत निलंबित कर उनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाए।
ग्रामीणों ने अपने आवेदन के साथ रजिस्ट्री की छायाप्रति भी संलग्न की है। आवेदन की प्रतिलिपि मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन, जिला कलेक्टर रायगढ़, और जिला पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई है ताकि शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शासन और प्रशासन इस मामले में कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है। क्योंकि यदि ऐसे मामलों पर सख्ती से रोक नहीं लगाई गई, तो आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों की शासकीय जमीनें अवैध कब्जों और फर्जीवाड़े का शिकार होती रहेंगी।