धरमजयगढ। जिले के धरमजयगढ़ तहसील अंतर्गत भालूपखना गांव में धनबादा कंपनी द्वारा नहर खुदाई के दौरान किसानों की कृषि भूमि में मिट्टी डंप कर दिए जाने के कारण, एवं कंपनी प्रबंधन द्वारा किए गए कई वादे सहित कंपनी का कार्यशैली से नराज ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त रहा । वहीं प्रभावित किसानों का कहना है कि मिट्टी डंप होने नहर के बने गढ्ढे के कारण वे अपने खेतों में खेती नहीं कर पा रहे। जिससे उन्हें भारी नुकसान हुआ है। इसी के चलते ग्रामीणों द्वारा स्थानीय प्रशासन व कंपनी प्रबंधन से मलबा हटवाने की मांग की जा रही थी।इस मामले को लेकर स्थानीय भाजपा युवा नेता मनीष राठिया, नीरज अग्रवाल, भगवान सिंह सहित कई कार्यकर्ताओं एवं ग्रामीणों ने एसडीएम धनराज मरकाम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपे जाने के बाद एसडीएम मरकाम एवं तहसीलदार धरमजयगढ़ अपनी टीम के साथ भालूपखना गांव पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा कर शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की, जिसके बाद ग्रामीणों ने एसडीएम के सम्मान में आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया। हालांकि, यह खबर तेजी से फैल रही है, कि कंपनी और ग्रामीणों के बीच चल रहा विवाद सुलझा लिया गया है, जिसे लेकर स्थानीय ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों में रोष है। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल एसडीएम के सम्मान में आंदोलन को स्थगित किया है, न कि कंपनी प्रबंधन की मांगें पूरी होने के कारण। उनका कहना है कि कंपनी ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है और ना ही लोगों के हितों को लेकर कोई समाधान प्रस्तुत किया है। मामले में गांव के लोगों का कहना कि कंपनी प्रबंधन द्वारा पानी व्यवस्था सड़क निर्माण,पुलिया निर्माण अब तक नहीं करा पाया है। आगे उनका कहना है कि एसडीएम जब जांच में आये थे, तब एसडीएम के सामने कंपनी प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा पानी व्यवस्था (बोरवेल) तत्काल करने की बात कही गई थी। लेकिन आज कई दिन बीत गए, बोरवेल नहीं बन सका। आगे उन्होंने बताया कंपनी प्रबंधन द्वारा प्रशासन के सामने तो वादे पुरे करने की दावा कर देते हैं, लेकिन बाद में लोगों को गुमराह कर दिखावा ही कर जाते हैं।
इस संबंध में भाजपा युवा नेता मनीष राठिया ने कहा कि यह खबर फैल गई कि “विवाद सुलझ गया है”, पूरी तरह सही नहीं है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की मांगें अभी तक पूरी नहीं हुई हैं, एसडीएम धरमजयगढ के जांच में आने पर महज किसानों के खेतों से मलबा हटवाया गया। कंपनी ने कई वादे भी किए हैं,उसको पुर्ण करे,यदि समय पर समाधान नहीं निकला तो 12 अप्रैल को धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इसकी जानकारी भी पहले ही एसडीएम को ज्ञापन के माध्यम से दे दी गई है। और हम समय का इंतजार कर रहे हैं।
लेकिन वहीं मजेदार बात यह कि प्रक्रिया लंबित होने के बावजूद क्रियान्वयन जारी है। बता दें, मिली जानकारी अनुसार धनवादा कंपनी धरमजयगढ़ वन मंडल क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम भालूपखना में लघु जल विद्युत परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर अभूतपूर्व परिस्थितियां सामने आई हैं,जिसमें इस परियोजना में प्रभावित होने वाले वन भूमि के व्यपवर्तन के लिए वन मंजूरी की प्रक्रिया फिलहाल लंबित है। बावजूद इसके प्रभावित वन भूमि के साथ साथ गैर वन भूमि पर प्रोजेक्ट का धड़ल्ले से क्रियान्वयन किया जा रहा है। और इस पूरी कवायद में स्थानीय प्रशासनिक तंत्र का जबरदस्त प्रोत्साहन देखने को मिल रहा है।