मुंगेली। राष्ट्रीय कवि संगम इकाई मुंगेली, छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में दिनाँक 13 मार्च 2025 को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली के अवसर पर ऑनलाइन काव्य गोष्ठी आयोजित की गई। इस गोष्ठी के मुख्य अतिथि- आशी प्रतिभा दुबे ग्वालियर मध्यप्रदेश, विशिष्ट अतिथि- नन्दिता माजी शर्मा मुंबई, विशिष्ट अतिथि- मुस्कान केशरी मुजफ्फरपुर बिहार, अतिथि- डॉ. अलका यादव बिलासपुर, अतिथि- भारती यादव मेधा रायपुर रही। सरस्वती वंदना एवं मंच संचालन का कार्य अनिल जायसवाल बिलासपुर ने किया। इस गोष्ठी की अध्यक्षता- अशोक कुमार यादव मुंगेली जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय कवि संगम इकाई ने किया। काव्य पाठ के लिए आमंत्रित कवि एवं कवयित्रियाँ- सुरेश कुमार बन्छोर तालपुरी भिलाई, डॉ. कल्याण सिंह साहू आशीष नगर भिलाई, रामा साहू संयम मुंगेली, ओ.पी.कौशिक रतनपुरिहा पेंड्रा, कुश कुमार साहू मोपर बलौदाबाजार, पुहुपराम पुष्पराज निषाद मोपर भाटापारा बलौदाबाजार, रश्मि अग्रवाल बिलासपुर, रामभरोस यादव जमकोर मुंगेली, वर्षा यादव अकलतरा, सागर केशरवानी घुठेरा नवागाँव मुंगेली, ललिता यादव बिलासपुर, श्यामदास कोशले ठाकुरीकापा मुंगेली, लोकेश कुमार साहू प्रतापपुर मुंगेली, डॉक्टर इंदु कुमारी मधेपुरा बिहार, हरीश यादव इंदलपुर लोरमी, प्रीति रानी तिवारी रायपुर, अनिल जाँगड़े भैसबोड़ बिल्हा बिलासपुर, मोहन उपाध्याय मुंगेली, किरण दास काव्या सरिया सारंगढ़, और पून्नू गौटिया लोरमी सहित सभी कवि एवं कवित्रियों ने होली, नारी शक्ति, उड़त हे रंग गुलाल, आना खेलबो दूनों मिलके होली, आज मना रहे जंगल म होली, होली के रंग भारी गाढ़ा हे, कुछ अंधेरे में लिखना प्रारंभ हो रहा है, आगे-आगे कन्हैया पीछे बरसाने की दुलारी, होलिका दहन, भक्त प्रहलाद, प्रकृति पर प्रहार, मेरे बाबुल का अँगना, कैसे लगाऊँ गुलाल सजन रे, फूलगे परसा सेम्हरा झरगे डारा पाना, चार दिन की जिंदगी सबको बांटें प्यार, हिरण्यकश्यप, कैसे लिखूँ जोड़-तोड़ के कविता मैं, मेरा भारत देश महान है, छत्तीसगढ़ के माटी चंदन हे, नारी तुम लक्ष्मी हो, नाचले गाले होरी मा, फागुन के रंग, परशुराम, सिकवों को मिटाने का तो नाम होली है, अबीर रहे गुलाल रहे मन में ना मलाल रहे शीर्षक के तहत काव्य पाठ प्रस्तुत किये। आभार प्रदर्शन जिलाध्यक्ष अशोक कुमार यादव ने प्रस्तुत किया।
राष्ट्रीय कवि संगम इकाई मुंगेली के तत्वावधान में काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह

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