खरसिया।खरसिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत तेलीकोट में शासन द्वारा आयोजित राजस्व जनसमस्या निवारण शिविर ग्रामीणों के लिए लाभकारी साबित नहीं हो पाया। पंचायत के सचिव राखी खूंटे और सरपंच उमा शंकर सिदार द्वारा शिविर की जानकारी मुनादी के माध्यम से जनता तक नहीं पहुंचाई गई, जिसके चलते ग्रामीण शिविर में अपनी समस्याओं का निराकरण कराने नहीं आ सके।
शिविर में मौजूद पटवारी द्वारा मौके पर समस्याओं का समाधान न करने की शिकायत भी सामने आई। ग्रामीणों द्वारा प्रस्तुत आवेदनों को पटवारी केवल एकत्र कर रहे थे और समाधान के लिए “बाद में होगा” कहकर टालमटोल कर रहे थे। जब संवाददाता शिविर में पहुंचे तो पटवारी खाली बैठे नजर आए। पूछताछ में पटवारी ने बताया कि उन्होंने पंचायत को शिविर की जानकारी दे दी थी, लेकिन पंचायत द्वारा मुनादी कराई गई या नहीं, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।
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यह शिविर शासन-प्रशासन की महत्वपूर्ण पहल थी, लेकिन सचिव और सरपंच की लापरवाही के कारण इसका लाभ ग्रामीणों को मौके पर नहीं मिल सका। शिविर के दौरान सचिव और सरपंच भी नदारद रहे, जिससे पंचायत प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही उजागर हुई।
खरसिया तहसीलदार ने संवाददाता से बातचीत में कहा कि “जिन आवेदनों का निराकरण मौके पर किया जा सकता है, उन्हें तत्काल हल किया जा रहा है। वहीं, जटिल मामलों का निराकरण कार्यालय में किया जाएगा।” तहसीलदार ने यह भी कहा कि “यदि आवश्यक हुआ तो ग्रामीणों की सुविधा के लिए दोबारा शिविर आयोजित किया जाएगा।”
ग्रामीणों ने पंचायत सचिव और सरपंच के प्रति नाराजगी व्यक्त की और प्रशासन से मांग की कि भविष्य में ऐसे शिविरों का लाभ जनता को सही समय पर मिले। यह मामला पंचायत प्रशासन की लापरवाही का बड़ा उदाहरण है, जहां एक महत्वपूर्ण सरकारी योजना ग्रामीणों तक पहुंचने में असफल रही। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस लापरवाही पर क्या कदम उठाता है।