सक्ति।आज समता, सामाजिक न्याय और मानव अधिकारों के महानायक, भारतरत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर जी की महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके द्वारा रचित भारतीय संविधान ने समता और न्याय का नया मार्ग प्रशस्त किया। डॉ. अंबेडकर का कहना था, “मैं मूर्तियों में नहीं, किताबों में हूँ, मुझे पूजने की नहीं, पढ़ने की जरूरत है।” उनका योगदान हमेशा समाज में समानता और अधिकारों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा। राईस किंग खूंटे प्रदेश उपाध्यक्ष अजा विभाग छग ने भी उन्हें नमन किया।
महापरिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को श्रद्धांजलि
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