सक्ती 28 जून 2024 // कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री अमृत विकास तोपनो के निर्देशन में 1 जुलाई 2024 से लागू होने वाले नवीन कानून के लिए जागरूकता लाने जिले में विकासखंडवार कार्यशाला आयोजित किए जा रहे है। इसी क्रम में आज डभरा जनपद पंचायत सभाकक्ष में विकासखंड स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई l कार्यशाला में 1 जुलाई 2024 से लागू होने वाले भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के बारे में अपर कलेक्टर द्वारा निर्धारित ट्रेनरों द्वारा पीपीटी के माध्यम से विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। उल्लेखनीय है कि 26 जून को जनपद पंचायत मालखरौदा सभाकक्ष में तथा 27 जून को जनपद पंचायत जैजैपुर सभाकक्ष में नए कानून के संबंध में कार्यशाला आयोजित की गई थी। इसी क्रम में आज सुबह 11 बजे जनपद पंचायत डभरा के सभाकक्ष में कार्यशाला आयोजित की गई साथ ही 29 जून को सुबह 11 बजे से सामुदायिक भवन सक्ती में नए कानून के लिए जागरूकता के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
विदित हो कि मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार एक जुलाई से प्रवर्तनीय नवीन कानून के प्रचार प्रसार व जागरूकता लाने प्रदेश भर में कार्यशाला आयोजित की जा रही हैl इसी तारतम्य में जिला कलेक्टर के निर्देश पर आज डभरा के जनपद पंचायत सभागार में कार्यशाला आयोजित की गई, कार्यशाला में उच्च न्यायालय अधिवक्ता श्री चितरंजय पटेल, नगर निरीक्षक सुश्री सुनीता नाग बंजारे, निरीक्षक जितेंद्र कोशले और अधिवक्ता श्री सुभाष शर्मा द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से नये कानून के विषय में विस्तार से बताया गया।
1 जुलाई से लागू होने वाले नये कानून के बारे में जानकारी देने के लिए आज कार्यशाला का आयोजन किया गया। लागू होने वाले नए कानून देश की न्याय व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ तथा पारदर्शी बनाएंगे। भारतीय न्याय संहिता का उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार करना है, जबकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने के साथ-साथ सुरक्षा उपायों को भी सुनिश्चित करती है। भारतीय साक्ष्य अधिनियम न्यायालय में प्रस्तुत किए जाने वाले साक्ष्यों की मान्यता और प्रामाणिकता से संबंधित है जिसके बारे में कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत डभरा, तहसीलदार डभरा, टी.आई., एस.आई., ए.एस.आई., आरक्षक, मीडिया प्रतिनिधि, अधिवक्तागण, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, करारोपण अधिकारी, उपअभियंता, तकनीकी सहायक, जनपद स्टाप एवं सक्रीय महिला (एनआरएलएम) आदि शामिल हुये।