खरसिया । नगर के विप्र समाज ने परशुराम जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर पुरस्कार वितरण किया गया। भगवान परशुराम चौक मैं विराजमान भगवान परशुराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आरती कर प्रसाद वितरण किया गया इसके साथ ही ब्राम्हण सेवा समिति द्वारा भंडारा लगाया गया जिसमें सैकड़ो लोगों ने भंडारे का प्रसाद ग्रहण किया। शाम को निकली शोभायात्रा में विप्र समाज के सैकड़ो लोग मौजूद रहे और यह शोभायात्रा निर्माणाधीन परशुराम भवन से प्रारंभ होकर परशुराम चौक पहुँची, भगवान परशुराम की आरती कर शोभायात्रा का समापन किया गया। नगर में बन रहे परशुराम भवन का कार्य भी तेजी से चल रहा है आने वालों दिनों में जल्द से जल्द इसका कार्य पूर्ण कर समाज को शौप दिया जाएगा।
सनातन धर्म में परशुराम जयंती बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इसी दिन अक्षय तृतीया भी मनाया जाता है और यह शुभ दिन भगवान परशुराम के जन्म का प्रतीक है। उन्हें श्री हरि का छठा अवतार माना जाता है।
भगवान परशुराम का स्वभाव क्रोधी था इस कारण सभी देव और दानव इनसे भयभीत रहा करते थे। भगवान परशुराम के क्रोध का सामना भगवान गणेश ने भी किया था। जब भगवान परशुराम कैलाश पर भगवान शिव से मिलने जा रहे थे तब श्रीगणेश ने उन्हें मिलने से रोक दिया था, जिससे क्रोथ में आकर परशुराम जी ने गणेशजी का एक दांत तोड़ डाला था। तभी से भगवान गणेश का एक नाम एकदंत पड़ा। नगर की सामाजिक संस्था मारवाड़ी युवा मंच द्वारा शोभायात्रा में शामिल विप्र बंधुओं का स्वागत सत्कार कर भगवान परशुराम की प्रतिमा में माल्यार्पण किया।