खरसिया : 28 नवंबर छत्तीसगढ़ राजभाषा दिवस के पावन बेरा मं आनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए गीस।
छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के जिला समन्वयक पुरूषोत्तम प्रसाद गुप्ता के संयोजन मं आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल भतपहरी जी रहीन। विशिष्ट अतिथि के रूप मं बलौदाबाजार जिला समन्वयक अजय अमृतांशु जी अउ सारंगढ़-बिलाइगढ़ जिला समन्यवक शशिभूषण स्नेही जी रहीन। कार्यक्रम के अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार मनमोहन सिंह ठाकुर करीन अउ कार्यक्रम के सफल संचालन युवा साहित्यकार राकेश नारायण बंजारे करीन।
कार्यक्रम के शुरूआत मं सबले पहली छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारा लगाय गीस। छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया अउ जय छत्तीसगढ़ महतारी के उद्घोस के संग संचालक ह आयोग के रायगढ़ जिला समन्वयक पुरूषोत्तम गुप्ता ल छत्तीसगढ़ राज्य गान बर आमंत्रित करीन। कार्यक्रम मं आनलाइन ठुलाय जम्मो साहित्यकार संगवारी मन घलव गुप्ता जी के साथ दीन अउ एक स्वर मं राज्य गान के सुघ्घर प्रस्तुति दीन। राज्य गान से शुभारंभ के बाद सुरीला गायक गीतकार लखन राठौर ‘कौशल’ ह सरस्वती वंदना ल सुमधुर स्वर दीन। एकर बाद सुघ्घर-सुघ्घर रचना के जोरदार झड़ी लग गीस।
सर्व सम्माननीय रुक्मिणी सिंह ठाकुर, सुखदेव सिंह राठिया, तेजराम नायक, सुशीला साहू, नेहा ठेठवार, प्रीति रात्रे, लोकनाथ ताण्डेय, लीलाधर प्रजापति, गीता उपाध्याय, विनोद कुमार यादव अउ प्रियंका गुप्ता ‘प्रिया’ मन छत्तीसगढ़ महतारी के संग छत्तीसगढ़ी गुरतुर बोली के गीत कविता गजल के सरलग धार बोहइन। बीच-बीच मं अउ भी साहित्यकार मन कार्यक्रम म जुड़त रहीन अउ संझवाती साढ़े छै बजे ले लेके राति नौ बजे तक लगातार काव्य पाठ चलत रहीस। काव्य पाठ के संगे-संग वक्ता मन घलव अपन प्रभावशाली उद्बोधन देत रहीन, ऐसने बेला म विशिष्ट अतिथि द्वय अजय अमृतांशु जी अउ शशिभूषण स्नेही जी के उद्बोधन अउ काव्य पाठ ह कार्यक्रम मं चार चॉंद लगा दीस।
बनेच बेर ल आनलाइन कार्यक्रम मं सबके काव्य पाठ अउ उद्बोधन सुनत-गुनत मुख्य अतिथि महोदय डॉ. अनिल भतपहरी के जब पारी अइस तहॉं छत्तीसगढ़ साहित्य जगत अउ छत्तीसगढ़ी बोली के पूरा इन्साइक्लोपिडिया ह खुल गे। दू घंटा के कार्यक्रम हर कब समय के बंधन ल तोड़ उन्मु्क्त उड़ान भरे लागीस, सुनइया मन ल पता घलो नी चल पइस। डॉ. साहब के प्रभावशाली उद्बोधन मं खोए अब तक के छत्तीसगढ़ी साहित्य अउ भाखा बोली के महासागरीय लंबा सफर मं श्रोता तरियात उपलात रहीन। बेहद सार्थक उद्बोधन के मोहपाश ले जब मुक्त होएन तहॉं अध्यक्षीय उद्बोधन बर वरिष्ठ साहित्यकार मनमोहन सिंह ठाकुर ल आमंत्रित किए गीस। ठाकुर जी हर मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि अउ जम्मों साहित्यकार मन के अनमोल उद्बोधन के प्रशंसा करत अपन बात रखीन अउ सुघ्घर रचना सुनइन।
कार्यक्रम के आखरी मं आयोग के जिला समन्वयक पुरूषोत्तम गुप्ता छत्तीसगढ़ी गुरतुर बोली के रचना सुनइन अउ संगे-संग मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, कार्यक्रम अध्यक्ष, संचालक समेत जम्मों जुड़इया साहित्यकार मन के हृदे ले आभार व्यक्त करीन।
28 नवंबर के आनलाइन कार्यक्रम के जम्मों साहित्यकार मन खुले हृदे ले प्रशंसा करीन। बिशेष रूप ले आयोग के सचिव डॉ. भतपहरी जी ह रायगढ़ जिला समन्वयक पुरूषोत्तम गुप्ता के सराहनीय प्रयास के प्रशंसा करीन।