डीमर्जर, डायवर्सिफिकेशन और डीलीवरेजिंग पर फोकस
सक्ती :- छत्तीसगढ़, 11 जुलाई। वेदांता लिमिटेड ने अपने विकास की अगली दिशा का खुलासा करते हुए कंपनी का आकार दोगुना करने की 3डी रणनीति—डीमर्जर, डायवर्सिफिकेशन और डीलीवरेजिंग—साझा की है। कंपनी की 60वीं वार्षिक आमसभा में चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बताया कि डीमर्जर से हर व्यवसाय को स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा और हर इकाई 100 बिलियन डॉलर मूल्य की कंपनी बनने की क्षमता रखती है।
कंपनी अब महत्वपूर्ण खनिजों, दुर्लभ धातुओं (रेअर अर्थ), ऊर्जा संक्रमण धातुओं, बिजली, ऊर्जा और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में नए निवेश के जरिए कारोबार विस्तार की योजना बना रही है। इसके साथ ही कर्ज को कम कर वित्तीय स्थिति को मजबूत करने पर भी फोकस रहेगा।
विकास योजना भारत के लक्ष्यों से जुड़ी
वेदांता की रणनीति भारत की आर्थिक और ऊर्जा जरूरतों के अनुरूप तैयार की गई है। कंपनी भारत में पहला औद्योगिक जिंक पार्क और सबसे बड़ा एल्यूमिनियम पार्क स्थापित करने जा रही है, जो हजारों एमएसएमई को बढ़ावा देंगे और लाखों रोजगार के अवसर पैदा करेंगे। इसके अलावा 1000 डीप-टेक स्टार्टअप्स को सहयोग देने की भी घोषणा की गई है।
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अनिल अग्रवाल ने बताया कि दुनिया में रिसोर्स नेशनलिज्म का दौर चल रहा है और भारत के पास कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों जैसी भूगर्भीय क्षमता है, लेकिन अब तक केवल 25% ही खनिज खोज हो पाई है। उन्होंने इसे महत्वपूर्ण खनिजों में विकास का सही समय बताया।
डीमर्जर योजना को 99.5% शेयरधारकों की मंजूरी
वेदांता की डीमर्जर योजना को 99.5% से अधिक शेयरधारकों और लेनदारों की मंजूरी मिल चुकी है। योजना के पूर्ण होते ही शेयरधारकों को चार नई कंपनियों में हिस्सेदारी मिलेगी। इससे प्रत्येक व्यवसाय को नया फोकस, नए निवेशक और अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने का अवसर मिलेगा।
टेक्नोलॉजी, शिक्षा और स्थिरता पर जोर
वेदांता देश में एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय—वेदांता यूनिवर्सिटी—स्थापित करने की योजना पर भी काम कर रही है, जो हार्वर्ड जैसे संस्थानों से प्रेरित होगा। कंपनी का लक्ष्य वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अगली पीढ़ी के नेतृत्वकर्ताओं को देश में ही तैयार करना है।
स्थिरता के क्षेत्र में वेदांता एल्यूमिनियम को एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 में दूसरा स्थान मिला है और हिंदुस्तान जिंक को वैश्विक स्तर पर पहला स्थान प्राप्त हुआ है। कंपनी वर्ष 2050 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य लेकर चल रही है।
मजबूत वित्तीय प्रदर्शन
वित्तीय वर्ष 2024-25 में वेदांता का राजस्व ₹1,50,725 करोड़ और एबिटा ₹43,541 करोड़ रहा। निफ्टी 100 में यह कंपनी शीर्ष संपत्ति निर्माताओं में शामिल रही और शेयरधारकों को 87% का रिटर्न दिया।
नए निवेश और विस्तार की योजनाएं
हिंदुस्तान जिंक ₹12,000 करोड़ के निवेश से नया स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स बना रही है।
केयर्न ने 7 नए ब्लॉक प्राप्त किए हैं और तेल उत्पादन दोगुना कर 3 लाख बैरल प्रतिदिन करने का लक्ष्य है।
एल्यूमिनियम उत्पादन क्षमता को 31 लाख टन तक बढ़ाया जा रहा है।
30 लाख टन की क्षमता वाला नया ग्रीनफील्ड स्मेल्टर भी प्रस्तावित है।
वेदांता ने अपने 1 लाख कर्मचारियों के योगदान की सराहना की और बताया कि वर्तमान में कंपनी के 22% कर्मचारी और 28% नेतृत्वकारी पदों पर महिलाएं हैं। लक्ष्य है कि 2030 तक यह अनुपात 30% तक पहुंचे।