तमनार (छत्तीसगढ़): गारे पेलमा 4/6 स्थित जिंदल की कोयला खदान में डंप कोयले में लगी आग अब विकराल रूप ले चुकी है। लगातार छह दिनों से जल रहे कोयले से उठती आग और धुआं आस-पास की बस्तियों तक पहुंच चुका है, जिससे क्षेत्रवासियों की सांसें अटक गई हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कंपनी प्रबंधन की लापरवाही से यह स्थिति बनी है। आग पर काबू पाने के कोई ठोस प्रयास अब तक नहीं किए गए हैं। हजारों टन कोयला जलकर राख हो चुका है, लेकिन न तो कंपनी जिम्मेदारी ले रही है और न ही प्रशासन कोई सक्रियता दिखा रहा है।
सिर्फ खनिज नहीं, पर्यावरण भी जल रहा है
यह आग सिर्फ बहुमूल्य खनिज संपदा की बर्बादी नहीं, बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा है। लगातार उठते जहरीले धुएं से वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। स्थानीय बस्तियों में सांस की दिक्कत, आंखों में जलन जैसी समस्याएं सामने आने लगी हैं।
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स्थानीयों की मांग – जल्द हो कार्रवाई
पर्यावरणविद और सामाजिक कार्यकर्ता इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि अगर तत्काल प्रभाव से आग नहीं बुझाई गई, तो इसका असर लंबे समय तक इलाके के पर्यावरण और लोगों की सेहत पर पड़ेगा।