रायगढ़, छत्तीसगढ़
लैलूंगा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत झरन से मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। गांव के अनेक ग्रामीणों ने रोजगार सहायक दुर्योधन प्रसाद यादव पर सरकारी धन के दुरुपयोग, फर्जी मस्टर रोल प्रविष्टि और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
ग्रामीणों ने खोले भ्रष्टाचार के राज
ग्राम झरन के निवासी कन्हैया दास महंत, घनश्याम यादव, पवन भगत सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा के तहत वर्षों से चल रहे कार्यों में सचिव द्वारा अपनों को ही लाभ पहुंचाया जा रहा है। आरोप है कि यादव ने अपनी बहन, पत्नी, माता-पिता, चाचा-चाची सहित विस्तारित परिवार के खातों में मजदूरी की राशि डलवाई, जबकि इन लोगों ने कभी कोई कार्य स्थल पर श्रम नहीं किया।
- Advertisement -
परीक्षा के दिन मस्टर रोल में दर्ज ‘मजदूरी’
एक चौंकाने वाला उदाहरण सामने आया है जिसमें यादव की बहन के खाते में उस दिन मजदूरी डाली गई जिस दिन वह शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय में परीक्षा दे रही थी। कॉलेज में उसकी उपस्थिति दर्ज थी, फिर भी मनरेगा मस्टर रोल में उसे उपस्थित बताया गया।
कियोस्क बैंकिंग के जरिए कथित फर्जी निकासी
जांच में यह भी सामने आया है कि दुर्योधन प्रसाद यादव खुद एक कियोस्क ऑपरेटर हैं, जो मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) से जुड़ी धनराशि का निकासी प्रक्रिया नियंत्रित करते हैं। आरोप है कि इन लेनदेन में बड़ी मात्रा में फर्जी निकासी की गई है।
‘शीश महल’ बना संदेह का केंद्र
मामूली वेतनभोगी कर्मचारी होने के बावजूद दुर्योधन यादव ने एक आलीशान आवास बनाया है, जिसे स्थानीय लोग व्यंग्य में ‘शीश महल’ कह रहे हैं। इसकी भव्यता ने उनकी आय और संपत्ति के स्रोतों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रशासनिक मिलीभगत पर भी सवाल
ग्रामीणों ने बताया कि इस मुद्दे पर कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन स्थानीय अधिकारियों द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इससे संदेह और बढ़ गया है कि कहीं प्रशासनिक स्तर पर मिलीभगत तो नहीं?
ग्रामीणों की 5 सूत्रीय मांग:
- स्वतंत्र जांच – भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी से निष्पक्ष जांच की मांग
- लेन-देन का ऑडिट – मनरेगा और पीएमएवाई फंड के खर्च की जांच
- संपत्ति की जांच – यादव की संपत्ति और आय का सत्यापन
- तत्काल निलंबन – जांच तक पद से हटाया जाए
- प्रशासन की जिम्मेदारी तय हो – शिकायतें नजरअंदाज करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो
जनता की अपील
यह मामला ग्रामीण विकास और सामाजिक न्याय की मूल भावना पर आघात है। ग्रामीणों ने राज्य और केंद्र सरकार से अपील की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी और पारदर्शी कार्रवाई हो ताकि सरकारी योजनाओं में जनता का विश्वास बहाल किया जा सके।