रायगढ़ :- छत्तीसगढ़: ग्राम पंचायत बरकसपाली में हुए करोड़ों के वित्तीय घोटाले ने पूरे तमनार जनपद पंचायत में हड़कंप मचा दिया है। 15वें वित्त आयोग और अन्य विकास मदों में फर्जीवाड़े का पर्दाफाश सूचना के अधिकार (RTI) और पत्रकारों की जमीनी रिपोर्टिंग से हुआ है। अब यह मामला केवल चर्चाओं तक सीमित नहीं रहा – प्रशासन ने आपात जांच के आदेश जारी कर तीन सदस्यीय विशेष जांच समिति का गठन कर दिया है।
घोटाले की गूंज और जांच की दस्तक:
29 जुलाई 2025 को जनपद पंचायत तमनार के सीईओ द्वारा जारी आदेश क्रमांक 1418-19/जनपं/पंचा/2024-25 के तहत गठित जांच दल को केवल तीन दिन में रिपोर्ट सौंपनी होगी। जनता की उम्मीदें अब इस जांच दल पर टिकी हैं:
अधिकारी का नाम पदनाम भूमिका
ऋषिकेश पटेल वरिष्ठ सहायक एवं लेखापाल अधिकारी प्रभारी अधिकारी
आनंद राम पटेल पंचायत एवं समाज शिक्षा संगठक सहायक सदस्य
संतोष कुमार निषाद उप अभियंता सहायक सदस्य
घोटाले के मुख्य आरोप:
फ़र्ज़ी मस्टर रोल तैयार कर मजदूरी के नाम पर पैसे की निकासी
बिना निर्माण कार्य के भुगतान
निजी दुकानों को नियमविरुद्ध भुगतान
RTI में भ्रामक व गोलमोल जवाब
सचिव-सर्पंच की कथित सांठगांठ
सूत्रों के मुताबिक पंचायत के नाम पर सड़क, शौचालय, भवन आदि निर्माण कागज़ पर ही पूरे कर दिए गए, जबकि जमीनी हकीकत में गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से जूझ रहा है।
RTI और पत्रकारिता की जीत:
इस खुलासे का पूरा श्रेय RTI कार्यकर्ता और स्थानीय पत्रकारों को जाता है जिन्होंने पूरे मामले को उजागर कर जनता की आवाज़ को प्रशासन तक पहुंचाया।
अब सवाल जनता का:
क्या दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज होगी?
क्या सचिव और सरपंच को निलंबित किया जाएगा?
क्या लूटा गया पैसा रिकवर होगा?
क्या यह कार्रवाई एक उदाहरण बनेगी या फिर बाकी फाइलों की तरह दफन हो जाएगी?
यह एक जांच नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार पर पहली सीधी चोट है।
बरकसपाली का यह मामला अकेला नहीं है – यह पूरे तमनार, यहां तक कि रायगढ़ जिले की पंचायतों में व्याप्त गबन और बंदरबांट की तस्वीर को उजागर करता है।

