रायगढ़, 31 अगस्त 2023। रायगढ़ विधान सभा में इस बार कांग्रेस के कई नामचीन नेताओं ने विधायक टिकट के लिए दावेदारी प्रस्तुत की है। इसी कड़ी में विधायक प्रकाश नायक के क्षत्रप माने जाने वाले रायगढ़ जिले के कद्दावर नेता सभापति जयंत ठेठवार की दावेदारी ने सभी को चौकातें हुए उनके माथे पर बल ला दिया है। गौरतलब हो कि गत विधान सभा चुनाव में जयंत ठेठवार ने बतौर जिलाध्यक्ष प्रकाश नायक को विधायक बनाने की नींव रखी थी लेकिन इस बार उन्होंने स्वयं विधान सभा का आवेदन प्रस्तुत कर रायगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है। रायगढ़ के दिग्गज नेताओं में शुमार जयंत के बारे में राजनीतिक जानकारों ने इनके प्रबल दावेदारी के बारे में हमें कुछ ऐसी खासियतें बताई हैं जो अन्य दावेदारों से इन्हें मजबूत बनाती है। आईए जानते हैं कैसे..
सर्वहारा वर्ग में स्वीकार्यता
जयंत की राजनीतिक और सामाजिक छवि अन्य कांग्रेसी नेताओं की तुलना में सर्वहारा वर्ग में अधिक स्वीकार्य है। उनकी साफ-सुथरी छवि लोगों को रास आती है। जयंत को पसंद करने वाले मतदाताओं में अग्रवाल, सिंधी, सिख और ईसाई समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हैं। कांग्रेस को जयंत की बेदाग छवि का लाभ चुनाव में मिल सकता है। यादव समाज के साथ-साथ शहर के लगभग प्रत्येक समाज के लोग जयंत को बेहद पसंद करते हैं।
मजबूत जनाधार जयंत का आधार
रायगढ़ में कांग्रेस हो या बीजेपी यदि सबसे अधिक जनाधार वाले नेता जयंत ठेठवार को कहा जाए तो ये अतिसंयोक्ति नहीं होगी क्योंकि तीन दशकों के अधिक समय से राजनीति कर रहे जयंत को रायगढ़ का हर मतदाता चेहरे से जानता है। कांग्रेस के ग्रामीण हो या शहरी प्रत्येक नेता एवं कार्यकर्ता से जयंत सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। भाजपा के अलावा अन्य दलों के नेताओं से भी इनके मधुर संबंध हैं। कई जनप्रतिनिधि जयंत को अपना गुरु मानते हैं और उनके मार्गदर्शन में जनसेवा कर रहे हैं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि प्रत्येक चुनावी रणनीती में जयंत ठेठवार की अहम भूमिका रही है। उनकी कुशल रणनीति की बदौलत कांग्रेस को कई सफलता मिली है। जयंत आज रायगढ़ की राजनीति के वो केंद्र बिंदु है जिनके इर्द-गिर्द भाजपा, कांग्रेस एवं अन्य दलों की राजनीति घूमती है। जयंत का मजबूत जनाधार ही उनकी दावेदारी का मजबूत आधार है।
बहरहाल, जयंत ठेठवार की जिताऊ परफॉर्मेंस के बाद जिले में उनकी शख्सियत एक विजेता के रूप में उभरी है। गहरा राजनीतिक अनुभव रखने वाले जयंत अपने वार्ड से अजेय हैं। निगम में नेता प्रतिपक्ष और सभापति रहते हुए इन्होंने कई बार विरोधियों के चक्रव्यूह को भेदा है। आम नागरिकों के हितों के लिए घर-घर तक कांग्रेस सरकार की योजनाओं को पहुंचाया है। जयंत को जब-जब संगठन ने मौका दिया तब-तब उन्होंने कांग्रेस की कमान संभाली है। उनकी इन्हीं खासियतों के मद्देनजर राजनीतिक जानकार उन्हें अन्य दावेदारों की तुलना में मजबूत बताते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में एक विनिंग कैंडिडेट के रूप में देख रहें हैं। उनका कहना है कि यदि उच्च नेतृत्व इस बार जयंत ठेठवार पर दांव लगाती है तो कांग्रेस का झंडा एक बार फिर से बुलंद होगा।
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क्रमशः ……