रायगढ़, 11 दिसम्बर 2024/ शासकीय योजनाओं और आधुनिक तकनीक का सही उपयोग किस तरह किसानों की जिंदगी बदल सकता है, इसका बेहतरीन उदाहरण हैं विकासखंड रायगढ़ के ग्राम जुनवानी पश्चिम निवासी कृषक श्री दरश राम पटेल। अपनी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति से श्री पटेल ने धान की पारंपरिक खेती के सीमित मुनाफे से अलग उद्यानिकी कृषि में आधुनिक तकनीक अपनाई और लाखों रुपये की आय अर्जित कर रहे है।
पारंपरिक खेती से शुरुआत करने वाले श्री दरश राम पटेल का 8 सदस्यों का भरापूरा परिवार है, उनके पास लगभग 10 एकड़ कृषि भूमि है। जिसमें वे पारंपरिक तरीके से धान की खेती करते थे। जिससे उन्हें बहुत कम आय प्राप्त होती थी। सीमित आय ने उन्हें नई दिशा में सोचने पर मजबूर किया। इस दौरान उन्होंने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया। विभाग ने उन्हें आधुनिक कृषि तकनीक, योजनाओं की जानकारी एवं मार्गदर्शन प्रदान किया। विभागीय मार्गदर्शन के पश्चात् श्री पटेल ने खेती के तरीके में बदलाव किया।
उद्यानिकी विभाग द्वारा श्री पटेल को राष्ट्रीय बागवानी मिशन, सामुदायिक फेंसिंग, ड्रिप सिंचाई, सब्जी क्षेत्र विस्तार, पैक हाउस, प्लास्टिक मल्चिंग जैसे विभागीय योजनाओं का लाभ मिला। सामुदायिक फेंसिंग योजना के तहत फसलों को जानवरों से बचाने के लिए गांव के अन्य किसानों के साथ सामूहिक रूप से लाभ दिया गया। इसके अलावा उनकी फसलों के उचित भंडारण के लिए पैक हाउस की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। इससे उनकी फसल की गुणवत्ता बरकरार रही और बाजार में बेहतर दाम मिले।
श्री पटेल ने अपनी आय का उपयोग अपने परिवार की जीवन शैली सुधारने में किया। उन्होंने अपने कच्चे मकानों को पक्का बनाया और खेती के लिए एक ट्रैक्टर व अन्य उपकरण भी खरीदे। पटेल ने साबित कर दिया कि शासकीय योजनाओं एवं मेहनत से कृषि को भी लाभकारी व्यवसाय में बदला जा सकता है। आज वे पूरे क्षेत्र के किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन चुके है और क्षेत्र के किसान भी आधुनिक कृषि की ओर अग्रसर हो रहे है।
*उद्यानिकी फसल से कमाए 10 लाख से अधिक*
कृषि कार्य में सहयोग करने वाले श्री पटेल के पुत्र श्री नरेंद्र पटेल बताते है कि उन्होंने पॉलिटेक्निक की पढ़ाई पश्चात निजी कंपनी में ट्रेनी के तौर पर कार्य कर रहे थे, लेकिन आज अपने जॉब से अधिक कृषि कार्य से संतुष्ट है। उन्होंने बताया कि धान से अधिक मुनाफा उद्यानिकी फसलों में है। गर्मी में उन्होंने केवल 30 डिसमिल में लगाए बैगन से तीन लाख तक मुनाफा कमाए है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों में मल्चिंग के पश्चात खरपतवार की दिक्कत नहीं होती, जबकि धान के फसल में ऐसा नहीं होता। वही पानी की खपत भी अधिक होती है। उन्होंने बताया कि 2.5 एकड़ भूमि में टमाटर, बैगन, करेला से खेती शुरू की। उन्नत बीज और तकनीकों का उपयोग करते हुए उन्होंने लगभग 10 लाख रुपये की आय अर्जित की। वही इस वर्ष 12 से 13 लाख से अधिक की कमाई का अनुमान है।