कोंडागांव।प्रधानमंत्री ग्रामीण योजना के तहत सड़क निर्माण की गुणवत्ता सैकड़ों शिकायत के बाद भी नहीं जागा प्रशासन। लगातार अखबारों में सोशल मीडिया में सुर्खियों में रहने वाला विभाग योजना में सरकार को करोड़ों का फटका लगा रहा है वहीं विभागीय अधिकारी नींद में है, और ठेकेदार इंजीनियरों का अस्थायी गठबंधन सड़कों को निगल रहा।
ग्राम आदवाल से अलमेर तक प्रधानमंत्री सड़क की स्थिति–
यहां बात कर रहे हैं विकासखंड फरसगांव के अंतिम छोर पर बसे ग्राम पंचायत झाकरी के आश्रित ग्राम आदवाल से मोंगापाल पंचायत का आश्रित ग्राम अलमेर तक पहुंच मार्ग 2019 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत ठेकेदार में. मो. फिरोज कंस्ट्रक्शन कंपनी कांकेर द्वारा बनाया गया था। 8.50 किमी सड़क आज लगभग पांच वर्ष पूरे होने पर इस सड़क की हालत एकदम जर्जर हो चुकी है। इस सड़क पर बने जानलेवा जर्जर पुलिया किसी बड़े हादसे को खुला निमंत्रण दे रहा है या विभाग किसी बड़े हादसे के इंतजार में हैं। बारिश में पुल के नीचे लगी पाइप खिसक जाने से पुलिया बीच में झूल रहा है और कभी भी गिर सकता है और इस पांच साल में पूरा सड़क उखड़कर गायब होने की स्तिथि में है।
प्रशासन के ढीले रवैये से ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है नुकसान_
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ग्राम पंचायत झाकरी के सरपंच सुकारो बाई पोटाई, सचिव रामधर, सुकालुराम पोटाई, बजुराम, कैलाश पद्दा, सुकमु सहित स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क बनाने के बाद पांच साल के अंदर ठेकेदार कभी इस सड़क को झांक कर भी नहीं देखा, जबकि मेंटेनेंस के लिए पांच साल का बोर्ड ज़रूर लगा दिया गया। गुणवत्ता की लापीपोती को लेकर सरकार और प्रशासन के ढीले रवैये से सरकारी राजस्व के साथ ग्रामीणों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। अंदरूनी गांवों में जहां सड़क बनी है वहां ग्रामीण जान हथेली पर लेकर आवागमन को मजबुर है। क्योंकि सड़क इस लायक नहीं की उस पर इंसान चले और वाहन को चलाया जा सके।
*ठेकेदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर आज तक नहीं हुई कोई कार्रवाई–*
ग्राम का सीधा संपर्क सड़कों के माध्यम से होने वाली इस योजना को पलीता लगाने का सिलसिला अनवरत जारी है लेकिन इस योजना के तहत सड़क निर्माण में लगीं एजेंसियों और ठेकेदारों के खिलाफ भ्रष्टाचार और गड़बडिय़ों की शिकायत पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। योजना के शुरू होने के साथ ही कोंडागांव जिले में कई किमी सड़कें बनाई गई और बनाई जा रही हैं। जिसमें कई श्रेणी के ठेकेदार लगे हुए हैं। अब तक बनी सड़कों के घटिया निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने आवाज बुलंद की है, कई निर्माणाधीन सड़कों में गुणवत्ता हीन और घटिया मटेरियल के साथ सड़कों के निर्माण को लेकर मीडिया में खबरें आ रही है। ग्रामीण इसे लेकर प्रदर्शन और अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंप रहे हैं, लेकिन किसी भी शिकायत पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। आज तक किसी ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट तक नहीं किया गया है। मैदानी स्तर पर जमे अधिकारी उच्चाधिकारियों से सेटिंग कर ठेकेदारों को मोटे कमीशन लेकर शिकायतों पर परदा डाल रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इसके पीछे एक अस्थायी गठबंधन काम कर रहा है जो कागज पर सड़क बनाकर पूरी राशि का भुगतान समय से पहले करा लेता है। ऐसे में जांच एजेंसी आखिर जांचेगी क्या? उसे तो वहां तक पहुंचने ही नहीं दिया जाता।
पांच साल मेंटेनेंस नहीं हुआ जिम्मेदार अधिकारी मानने को तैयार नहीं–
इस विषय को लेकर जब प्रधानमंत्री सड़क योजना के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बलराम ठाकुर से बात की तो उन्होंने कहा कि पांच साल तक हम ठेकेदारों से मेंटेनेंस करवाते हैं उसका फोटोग्राफ्स भी हमारे पास है। उन्होंने मेंटेनेंस नहीं हुआ ऐसा मानने के लिए तैयार नहीं है उनका कहना है कि पांच साल तक मेंटेंनेंस हुआ है। जर्जर पुलिया के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि हम उसको अभी पता करवा लेते हैं फिर उस हिसाब से हम रिपोर्टिंग करेंगे।