रायगढ़।जल, जंगल और जमीन की लड़ाई में आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के ग्रामवासी अपनी आवाज उठाते हैं, लेकिन अब गजराजों की टोली भोजन और पानी की तलाश में शहर की सड़कों पर दिखने लगी है। यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई है क्योंकि जंगलों में इंसानी घुसपैठ और बेजा कब्जे बढ़ रहे हैं। हाथियों को अब अपनी ज़रूरतें पूरी करने के लिए शहरों की ओर रुख करना पड़ रहा है।
हाल ही में घरघोड़ा वन परिक्षेत्र के बड़े गुमडा चौक पर एक विशाल हाथी देखा गया, जो आराम से सड़कों पर टहल रहा था। यह घटना बताती है कि हाथियों के लिए जंगल अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं। वन विभाग की सक्रियता पर सवाल उठते हैं, क्योंकि इस तरह की घटनाओं से कभी भी बड़ी दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
सरकार की गंभीरता पर चिंता जताई जा रही है, क्योंकि जंगलों में भूअधिग्रहण और कंपनियों की गतिविधियों के चलते प्राकृतिक आवास सिकुड़ते जा रहे हैं। यह विडंबना है कि जंगली जीवों को अपने अस्तित्व के लिए अब शहरों का सहारा लेना पड़ रहा है। यह स्थिति न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि मानवता के लिए भी गंभीर चुनौती है।