जीवन दर्शन
बाल व्यास कथा वाचिका विष्णु प्रिया अवि जी
बाल व्यास भागवत आचार्य अभी जी का जन्म इंदौर मध्य प्रदेश के एक ब्राह्मण परिवार में 14 अक्टूबर 2015 को एक विलक्षण कन्या का जन्म हुआ उसके-पिता का नाम श्री विकास चौबे वह माता श्रीमती वंदना चौबे की प्रथम पुत्री रत्न के रूप में हुआ बाल व्यास विष्णु प्रिया जी की माता-पिता दादा दादी वह नाना नानी के द्वारा लाड प्यार स्नेह से अवि जी के नाम से पुकारते हैं अवि जी को भागवत कथा ज्ञान की प्रेरणा अपने माता-पिता विकास चौबे व वंदना चौबे जी से मिला श्रीमद् भागवत ज्ञान 5 वर्ष की अल्प आयु में ही पूर्ण कर ली भागवत कथा के प्रति अपार रुचि हो गई जिससे प्रेरित होकर प्रयागराज उत्तर प्रदेश में शिवम शुक्ला व संदीप शुक्ला जी के यहां गुरुकुल में श्रीमद् भागवत गीता वी संगीत की शिक्षा मिला शासकीय शिक्षण संस्थान में कक्षा तीसरी की परीक्षा दी है और आगामी शिक्षण सत्र में कक्षा चौथी की छात्रा होगी बाल व्यास जी के मुखारविंद से प्रथम श्रीमद् भागवत कथा व प्रभु लीलाधारी की महिमा का वर्णन इंदौर शहर की गंगानगर में 29 दिसंबर 2023 से 7 जनवरी 2024 तक लाखों श्रद्धालु भक्तों को श्रीमद् भागवत ज्ञान भक्ति की कथा का रस पान कराया गया।
बाल व्यास विष्णु प्रिया जी कहते हैं कि मानव कल्याण व राष्ट्रहित में सुधार के लिए वह भविष्य में भी कथा वाचिका के रूप में कार्य करेगी अवि जी को श्री राम मंदिर के बाद किस देखना चाहते हैं पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि मैं भगवान श्री रामचंद्र जी के मंदिर के बाद श्री कृष्ण चंद्र भगवान की मथुरा नगरी में उन्हें देखना चाहूंगी तथा ईश्वर से कामना करूंगी की भारत सरकार की न्यायालय में विवादित ज्ञानवापी मंदिर की वास्तविक हकदार हिंदू भाई बहनों को ही मिलना चाहिए,
गाय गौरी गीता गंगा और तुलसी जी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताई की गाय हमारी एक माता है जो जन्मदाता श्री माता के बाद हमें जीवन भर दूध पिलाती है वह हमारी लालन-पालन करती है उस पर हमारा भी दायित्व बनता है हम गौ माता की सेवा करें रक्षा करें वह गौ माता की पूजा करें, माता गौरी हम और आप सब की आराध्य देवी है जो संपूर्ण ब्रह्मांड की सृष्टि वह संरचना तथा संघार करती है जो हमें इस दुनिया में लेकर आई है जिससे हम उसकी पूजा व भक्ति करें गीता से बड़ा कोई पवित्र ग्रंथ नहीं है गीता उपदेश में सृष्टि के सभी चीजों की वर्णन है गीता से ही तो ज्ञान वह सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है गंगा मैया विश्व की ऐसी पावन धारा है जिसको पीने व स्नान करने से तन और मन दोनों पवित्र होते हैं गंगा पाप विनासिनी पापा को हरने वाली पवन धारा है वह जीवन में श्रद्धा भक्ति भरने वाली है तुलसी माता की एक छोटी सी भी पौधा घर आंगन में स्थापित करने से घर के संपूर्ण वातावरण को पवित्र कर घर की दूषित कार्बन डाइऑक्साइड को दूर कर घर में शुद्ध ऑक्सीजन भर देती है इसीलिए तुलसी माता के पौधे की वरन संपूर्ण वेदों पर वर्णित है
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समाज सुधार वह विश्व कल्याण के लिए देवी जी की भाव भरा संदेश है कि प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर की आस्था और विश्वास के साथ विभिन्न रूपों में नित्य पूजा पाठ व आराधना करना चाहिए प्रत्येक व्यक्ति को चाहे किसी भी जाति धर्म की रहे हनुमान चालीसा पढ़ना चाहिए भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए तुलसी माता में जल अर्पित करना चाहिए ईश्वर से विश्व कल्याण के लिए मंगल कामना करना चाहिए तथा अपने माता-पिता गुरु जनों वह अपने बड़ों की आदर सम्मान के साथ प्रणाम करना चाहिए विष्णु प्रिया जी की श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा रायगढ़ छत्तीसगढ़ की पावन धरा ग्राम चपले में 9 अप्रैल से 17 अप्रैल 2024 तक आयोजित किया गया है आगामी श्रीमद् भागवत ज्ञान कथा प्रयागराज उत्तर प्रदेश में 30 अप्रैल से 6 मई 2024 तक होगा जिसमें सभी को ज्ञान भक्ति की पवन संगम पर आमंत्रित किया गया है।
संकलन कर्ता संवाद दाता
– रवि शंकर पटेल