खरसिया, छत्तीसगढ़ – दीपावली के अवसर पर खरसिया के भीड़भाड़ वाले रहसी इलाके में पटाखों की खुलेआम बिक्री हो रही है, जो वहां के निवासियों के जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। हर साल की तरह इस साल भी नगर पालिका के ग्राउंड में कई पटाखा विक्रेताओं ने अस्थायी दुकानें लगा ली हैं। लेकिन इन दुकानों में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है, जिससे बड़ा हादसा होने की आशंका बढ़ गई है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कुछ बड़े व्यापारी अपने घरों में भारी मात्रा में पटाखों का भंडारण कर रहे हैं। वहीं, कई पटाखा विक्रेता बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के नगर पालिका ग्राउंड में पटाखों की बिक्री कर रहे हैं। इससे स्थानीय निवासियों में गहरी चिंता और आक्रोश बढ़ गया है। प्रशासन, नगर पालिका, और पुलिस विभाग की लापरवाही के चलते हर साल इस संवेदनशील इलाके में पटाखों की बिक्री को अनुमति दी जाती है।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी
- Advertisement -
नगर पालिका ग्राउंड में लगे पटाखों की दुकानों में सुरक्षा नियमों की खुलेआम अनदेखी हो रही है। दुकानों में आग से बचाव के लिए न तो टिन का शेड लगाया गया है, न ही पानी का कोई प्रबंध किया गया है। इतना ही नहीं, दुकानों में आग बुझाने वाले उपकरण, जैसे 5 किलो का आग बुझाने वाला सिलेंडर तक नहीं रखा गया है। सुरक्षा मानकों के अभाव में यदि कोई आग लगती है, तो उसकी चपेट में पूरे क्षेत्र के घर और दुकाने आ सकते हैं।
स्थानीय निवासियों की चिंता
स्थानीय निवासी इस स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। उनका कहना है कि इतनी घनी आबादी में पटाखों की बिक्री करना बड़ा हादसा होने का संकेत है। यदि कोई दुर्घटना घटित होती है, तो शहर के कई घर जलकर राख हो सकते हैं और कई परिवार अपने प्रियजनों को खो सकते हैं। इसके बावजूद प्रशासन और नगर पालिका अधिकारी हर साल इन संवेदनशील क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री की अनुमति देते हैं। इस स्थिति ने जनता के बीच गहरी चिंता और आक्रोश पैदा कर दिया है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि दुकानदार बिना किसी डर के बिना सुरक्षा इंतजाम के दुकानें चला रहे हैं, और प्रशासन का ढीला रवैया इस समस्या को और बढ़ा रहा है। लोग मानते हैं कि प्रशासन की सख्ती के बिना दुकानदार सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करेंगे।
प्रशासन और पुलिस की लापरवाही पर सवाल
खरसिया के स्थानीय लोग नगर पालिका अधिकारियों और पुलिस विभाग से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि हर साल बिना सुरक्षा उपायों के पटाखों की बिक्री की अनुमति देना प्रशासन की बड़ी लापरवाही है। नागरिक सवाल उठा रहे हैं कि क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे के बाद ही जागेगा?
नगरवासियों का कहना है कि प्रशासन को इन दुकानों का नियमित और सघन निरीक्षण करना चाहिए और सुरक्षा मानकों का पालन न करने वाले दुकानदारों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही, भविष्य में घनी आबादी वाले क्षेत्रों में पटाखों की बिक्री की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए ताकि लोगों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।