बेमेतरा 19 मार्च 2025:-छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए आरंभ की गई प्रमुख योजना, “शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना” के अंतर्गत बेमेतरा जिले के बेरला विकासखण्ड स्थित राईजन इंडस्ट्रीज, ग्राम सरदा में नवीन भोजन वितरण केंद्र का शुभारंभ किया गया है। यह केंद्र निर्माण श्रमिकों और असंगठित श्रमिकों को मात्र 5 रुपये में गरम एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस योजना की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा 17 सितंबर 2024 को भगवान विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय श्रम सम्मेलन में की गई थी। योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल और छत्तीसगढ़ असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल में पंजीकृत 18 से 60 वर्ष की आयु के निर्माण और असंगठित श्रमिकों को लाभान्वित किया जा रहा है।
राईजन इंडस्ट्रीज में श्रमिकों को भोजन उपलब्ध कराने की पहल
4 मार्च 2025 को बेरला विकासखण्ड में स्थित राईजन इंडस्ट्रीज में इस भोजन केंद्र का उद्घाटन किया गया। इस केंद्र का संचालन मेसर्स आर.के. एसोसिएट्स एंड होटेलियर्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें श्रमिकों के लिए पौष्टिक भोजन तैयार किया जाता है। विभाग द्वारा तय साप्ताहिक मेनू के अनुसार ही श्रमिकों को भोजन वितरित किया जाता है। प्रतिदिन लगभग 50 से 60 श्रमिकों को मात्र 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
*भविष्य की योजनाएँ*
श्रम विभाग के अधिकारियों के अनुसार, जिला बेमेतरा में बाहुल्य मजदूर क्षेत्र वाले स्थानों पर भी इस योजना के अंतर्गत और अधिक भोजन वितरण केंद्र शीघ्र ही प्रारंभ किए जाएंगे, जिससे श्रमिकों को भोजन प्राप्त करने में और अधिक सहूलियत हो सकेगी।
*योजना के प्रति श्रमिकों का आभार*
सरकार की इस योजना से श्रमिकों को सस्ती दर पर पौष्टिक भोजन मिलने से उन्हें काफी राहत मिली है। श्रमिकों ने इस योजना के प्रति आभार व्यक्त किया है और कहा है कि इससे उन्हें काम के दौरान अपनी सेहत का ध्यान रखने और बेहतर पोषण प्राप्त करने में मदद मिल रही है। श्रम विभाग द्वारा संचालित यह योजना श्रमिकों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
श्रमिकों का कल्याण सरकार की प्राथमिकता
शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना, राज्य सरकार के श्रमिकों के प्रति संवेदनशील और समर्पित दृष्टिकोण को दर्शाती है। यह योजना श्रमिकों के स्वास्थ्य और पोषण को बेहतर बनाने के साथ-साथ उनकी आर्थिक स्थिति को भी ध्यान में रखती है।